जीवन से अनजाना मन मौत से बचने को आतुर रहता है || आचार्य प्रशांत (2015)
2019-11-29 0 Dailymotion
वीडियो जानकारी:
शब्दयोग सत्संग
२२ जून २०१५
अद्वैत बोधस्थल, नॉएडा
प्रसंग:
जीवन से अनजाना मन मौत से बचने को क्यों आतुर रहता है?
रीति -रिवाज\ कर्म -कांड का क्या आशय है?
मौत ही सबसे भयावह क्यों मालूम पड़ता है?